I give you this day
- Anukrti Upadhyay
At my touch
everything quickens
into rainbows of hope
I walk through the city
trailing unfinished prayers
painting subtle delights
I walk through the city
with pain blooming
into that
which hasn’t a name yet
*
लो, मैं देती हूँ
मेरे स्पर्श से
छा जाएगी इन्द्रधनुषी ओप
आशाओं की
और रंग देगी इस शहर को
अबूझ आनंदों से
मैं एक निरंतर प्रार्थना हूँ
मेरी पीड़ा से
खिलेगा वह फूल
जिसका नहीं है कोई नाम अभी